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बहुला
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cardamom
Meanings: 7; in Dictionaries: 5
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cardamum
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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cardamon
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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brainsick
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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mad
Meanings: 16; in Dictionaries: 5
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crazy
Meanings: 4; in Dictionaries: 3
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curcuma domestica
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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curcuma longa
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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demented
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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sick
Meanings: 22; in Dictionaries: 4
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turmeric
Meanings: 9; in Dictionaries: 7
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unbalanced
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unhinged
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distracted
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disturbed
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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बहला
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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बाहुलेय
Meanings: 6; in Dictionaries: 4
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सोळा अक्षरी वृत्तें - अष्टि
कांही नियमित अक्षरांत लघु-गुरूंच्या विशिष्ट क्रमाने रचना करून दाखविणे हेंच तें होय.
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गोरक्षी
Meanings: 3; in Dictionaries: 1
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वराहपुराणम् - अध्यायः ८३
'वराह पुराण' हे एक वैष्णव पुराण आहे. या पुराणातील श्लोकांत भगवानांच्या वराह अवतारातील धर्मोपदेश कथांच्या रूपात प्रस्तुत केलेला आहे.
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दुर्गासूक्तम् - ॐ ॥ जातवेदसे सुनवाम सोममर...
सूक्त चे चार भेद आहेत- देवता, ऋषि, छन्द आणि अर्थ.
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भाद्रपद व. चतुर्थी
Bhadrapada vadya Chaturthi
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महानारायणोपनिषत् - द्वितीयोऽवानुकः
आपल्या प्राचीन वाङ्मयामध्ये उपनिषदांना फार महत्त्वाचे, म्हणजे प्रस्थानत्रयी मधील एक, असे स्थान आहे. Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas. Being the conclusive part of Vedas, Upanishad can be called the whole substance of Vedic
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समङ्ग
Meanings: 7; in Dictionaries: 2
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मण्डल १ - सूक्तं १८९
ऋग्वेद फार प्राचीन वेद आहे. यात १० मंडल आणि १०५५२ मंत्र आहेत. ऋग्वेद म्हणजे ऋषींनी देवतांची केलेली प्रार्थना आणि स्तुति.
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मण्डल १० - सूक्तं १०१
ऋग्वेद फार प्राचीन वेद आहे. यात १० मंडल आणि १०५५२ मंत्र आहेत. ऋग्वेद म्हणजे ऋषींनी देवतांची केलेली प्रार्थना आणि स्तुति.
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बाहुल
Meanings: 25; in Dictionaries: 4
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शक्तिपीठ
Meanings: 5; in Dictionaries: 3
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दुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रं - ॥ॐ ॥ ॥श्री दुर्गायै नम...
देवी आदिशक्ती माया आहे. तिची अनेक रूपे आहेत. जसे ती जगत्कल्याण्कारी तसेच दुष्टांचा संहार.करणारीही आहे.
The concept of Supreme mother Goddess is very old in India. The divine mother has been worshipped as ' Shakti' since vedic times.
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देवी कवच - श्रीदुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम्
देवी कवच - श्रीदुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम्
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कार्तिक व. चतुर्थी
Kartika vadya Chaturthi
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मण्डल १ - सूक्तं ५४
ऋग्वेद फार प्राचीन वेद आहे. यात १० मंडल आणि १०५५२ मंत्र आहेत. ऋग्वेद म्हणजे ऋषींनी देवतांची केलेली प्रार्थना आणि स्तुति.
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महानारायणोपनिषत् - अनुवाकः २१ ते ३०
आपल्या प्राचीन वाङ्मयामध्ये उपनिषदांना फार महत्त्वाचे, म्हणजे प्रस्थानत्रयी मधील एक, असे स्थान आहे. Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas. Being the conclusive part of Vedas, Upanishad can be called the whole substance of Vedic
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मण्डल ६ - सूक्तं १९
ऋग्वेद फार प्राचीन वेद आहे. यात १० मंडल आणि १०५५२ मंत्र आहेत. ऋग्वेद म्हणजे ऋषींनी देवतांची केलेली प्रार्थना आणि स्तुति.
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शिवशक्ति विवाह - अभंग ३४८५
श्रीसंतएकनाथ महाराजांची गाथा म्हणजे श्रीराम व श्रीकृष्णाच्या अवताराचे मनोवेधक वर्णन.
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५१
Meanings: 5; in Dictionaries: 3
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द्वितीयकाण्डः - ११ ते १५
पैप्पलादसंहिता
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द्वितीय परिच्छेद - भाद्रपद
निर्णयसिंधु ग्रंथामध्ये कोणत्या कर्माचा कोणता काल, याचा मुख्यत्वेकरून निर्णय केलेला आहे.
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संकेत कोश - संख्या ५१
हिंदू धर्मात असे अनेक संकेत आहेत ,जे आपल्या जीवनात मोलाचे कार्य बजावतात .
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पूर्वभागः - अध्यायः ७५
अठरा पुराणांमध्ये भगवान् शंकराची महान महिमा लिंगपुराणात वर्णिलेली आहे. यात ११००० श्लोक आहेत. प्रथम योग आणि नंतर कल्प असे विवेचन गुरू वेदव्यास यांनी या पुराणात सांगितले आहे. हा शिव पुराणाच पूरक ग्रंथ आहे.
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प्रथमकाण्ड - १०७ ते ११२
पैप्पलादसंहिता
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उत्तरखण्डः - अध्यायः ८२
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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प्रथमपरिच्छेदः - सप्तमोऽध्यायः
प्रकाशसंहिता
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श्रीसत्याम्बा व्रत माहात्म्य
श्रीसत्याम्बा म्हणजे दुसरी तिसरी कुणी नसून जगन्माता दुर्गा किंवा जगदम्बाच होय.
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श्रीशिवलीलामृत - अध्याय बारावा
भगवान शंकराची कृपा प्राप्त करून घेण्यासाठी शिवलीलामृत पोथीचे पारायण करावे.
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कित्ताध्यान
अण्णा जसे शास्त्रविद्येंत निपुण होते, तसेंच श्रौतस्मार्तज्ञकर्मविधींतही अपूर्व निष्णात होते.
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प्रेतकाण्डः - अध्यायः १६
विष्णू पुराणाचा एक भाग असलेल्या गरूड पुराणात मृत्यूनंतरच्या स्थितीबद्दलची चर्चा आहे, शिवाय श्रद्धाळू हिंदू धर्मीयांमध्ये मृत्यूनंतर जी विविध क्रिया कर्मे केली जातात, त्याला गरूडपुराणाची पार्श्वभूमी आहे.
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ब्रह्मपुराणम् - अध्यायः १८१
ब्रह्मपुराणास आदिपुराण म्हणतात. यात सृष्टीची उत्पती, पृथुचे पावन चरित्र, सूर्य आणि चन्द्रवंशाचे वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि चरित्र, तीर्थांचे माहात्म्य अशा अनेक भक्तिपुरक आख्यानांची सुन्दर चर्चा केलेली आहे.
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नलोपाख्यानम् - त्रयोदशोsध्याय:
` नलोपाख्यन ` ही नल आणि दमयंती यांची महाभारतातील एक सुरेख प्रेमकथा आहे.
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